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Friday, February 24, 2017

General Hindi Notes no.5 | वाच्य और उसके प्रकार | सामान्य हिंदी notes

General Hindi notes for competition exams , Hindi grammer notes for all upcoming exams daily update

Topic:-वाच्य और उसके प्रकार

वाच्यः-वाक्य में प्रयुक्त क्रिया रूप कर्ता, कर्म या भाव किसके अनुसार प्रयुक्त हुआ है, इसका बोध कराने वाले कारकों को वाच्य कहते हैं।

वाच्य के प्रकारः- वाच्य तीन प्रकार के होते है

1.कत्र्तृवाच्य 2.कर्मवाच्य 3.भाववाच्य

1.कत्र्तृवाच्य:- जब वाच्य मे प्र्रयुक्त क्रिया का सीधा और प्रधान सम्बन्ध कत्र्ता से होता है, अर्थात् क्रिया के लिंग, वचन कत्र्ता के अनुसार प्रयुक्त होते हैं, उसे कत्र्तृवाच्य कहते है।

जैसेः- लड़का दूध पीता है। वाक्य में पीता है। क्रिया कर्ता लडका के अनुसार पुल्लिंग एकवचन की है।

2.कर्मवाच्यः- जब वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का सीधा सम्बन्ध वाक्य में प्रयुक्त कर्म से होता है अर्थात् क्रिया के लिंग, वचन कर्ता के अनुसार ने होकर कर्म के अनुसार होते है। उसे कर्मवाच्य कहते है।

नोटः- कर्मवाच्य में क्रिया सकर्मक होती है

जैसेः- राम ने चाय पी। , सीता ने दूध पीया। 

उपर्युक्त प्रथम वाक्य में क्रिया पी स्त्रीलिंग एक वचन है जो वाक्य में प्रयुक्त कर्म चाय जो कि स्त्रीलिंग एकवचन है , के अनुसार आयी है।

कर्मवाच्य की दो स्थितियाँ होती हैं-

कर्तायुक्त कर्मवाच्य और कर्ता रहित कर्मवाच्य

1.कर्तायुक्त कर्मवाच्यः- जब वाक्य में कर्ता विद्यमान हो तो वह तिर्यक कारक की स्थिति में होगा अर्थात् कर्ता कारक चिन्ह, विभक्ति युक्त होगा तथा ऐसी स्थिति में क्रिया बीते समय की यानी भूतकालिक होगी।

जैसे - नरेन्द्र ने मिठाई खाई। रोजी ने दूध पीया।

2. कर्ता रहित कर्मवाच्यः- कर्ता रहित कर्मवाच्य की स्थिति में वाक्य में प्रयुक्त कर्म ही प्रत्यक्ष कर्ता के रूप में प्रयुक्त होता है। ऐसी स्थिति में क्रिया संयुक्त होती है।

जैसेः-एक ओर अध्ययन हो रहा था, दूसरी ओर मैच चल रहा था। जबकि क्रिया की पूर्णता की स्थिति में क्रिया पद के गठन में आ। ई। ए मुख्यधातु में न जुड़कर उसके तुरन्त बाद में
प्रयुक्त सहायक धातु में जुड़ते है। जैसे अन्थेनी की घड़ी चुराली गई चोर पकड़ लिए गए। 


3. भाववाच्यः- जब वाक्य में प्रयुक्त क्रिया न तो कर्ता के अनुसार होती है, न कर्म के अनुसार, बल्कि असमर्थता के भाव के साथ वहाँ भाववाच्य होता है।

जैसेः- आंखों में दर्द के कारण मुझ से पढ़ा नहिं जाता। इस स्थिति में अकर्मक क्रिया का ही प्रयोग भाव वाच्य में होता है।

भाववाच्य की एक अन्य स्थिति यह भी है कि यदि क्रिया सकर्मक हो तथा कर्ता और कर्म दोनों तिर्यक हों तो क्रिया सदैव पुल्लिंग, अन्यपुरूष, एकवचन, भूतकाल की होगी। 

जैसेः- राम ने रावण को मारा।
लड़कियों ने लड़को को पीटा।

वाच्य परिवर्तन अगले भाग में बताया जायेगा। यदि आपको हमारा पोस्ट पसंद आया है तो आप इसे शेयर कर सकते है जिससे अधिक से अधिक लोगो को इसका लाभ  मिल सके ।और यदि आपके मन मे केई सुझाव या कोई query है तो आप नीचे comment कर सकते है धन्यवाद।
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