inflation notes what is inflation.....important for rpsc jr. accountant and ssc upsc exams ...
मुद्रास्फिति परिभाषा(INFLATION) -
जब सामान्य मूल्य स्तर में बढने की प्रवति होती है
लगातार बढने की प्रवति जिससे मुद्रा की वेल्यू में कमी आती है
एवं वस्तु की मांग कम तथा पूर्ति ज्यादा होती है इस स्थिति को मुद्रास्फिति कहते है।
मुद्रा स्फिति का मुद्रा प्रसार भी कहा जाता है
आर्थिक दृष्टि से सीमित एवं नियंत्रित मुद्रा स्फिति अल्प विकसित अर्थव्यव्स्था हेतु लाभदायक होती है
क्योंकि इससे उत्पादन में वृदि होती है। जिससे रोजगार स्तर बढ जाता है एक सीमा से अधिक मुद्रा स्फिति हानिकारक होती ह
मुद्रा स्फिति को अघ्ययन की दृष्टि से 3 भागों में बांटा गया है 0-5 प्रतिशत 5-10 व 10 प्रतिशत से अधिक
मंदी -
जब वस्तुओं की पूर्ति की तुलना में मांग कम हो ऐसी स्थ्तिि में धनाभाव के कारण लोगो की कय शक्ति कम हो जाती है
इससे उत्पादित वस्तुओं अनबिकी रह जाती है इससे उधोगो को बंद करना होगा
जिससे बेरोजगारी बढ जायेगी उदाहरण के तोर पर 1930 की विश्व व्यापक मंदी
जिसका प्रभाव विश्व व्यापक मंदी जिसका प्रभाव विश्व के समस्त देशों पर पडा।
रिफलेशन -
मंदी की अवस्था में अर्थव्यवस्था में कुछ ऐसे कदम उठाए जाते है
जिससे लोगो की कय शक्ति में वृदि हो और वस्तुओं की मांग बढे।
इसके परिणाम स्वरूप मूल्य स्तर में जो वृदि होती है उस रिफलेशन कहते है
मुद्रास्फिति के प्रकार -
1 लागत प्रेरित
2 मांग प्रेरित
मुद्रा स्फिति के सूचक -
1 wpi
2 cpi
3 gdp deflator
1 यह साप्ताहिक आधार पर थोक किमतों में परिवर्तन को मापता है साप्ताहिक सूचकांको के आधार पर ओसत पर इसकी गणना की जाती है
2 यह मासिक आधार पर खुदरा किमतेा में परिवर्तन मापता है इसमें वस्तुए एंव सेवाए दोनों सम्मलित है
नोट- मंहगाई के आंकडो के केंद्रिय सांख्यकि विभाग दृवारा
Wednesday, May 13, 2015
Home »
GENERAL SCIENCE
,
rpsc jr accountant
» INFLATION (मुद्रास्फिति) NOTES FOR JR. ACCOUNTANT AND TRA .....
0 comments:
Post a Comment